क्या है और इस दिल में क्या नहीं है साँस है पर ज़िन्दगी नहीं है बहुत चहकते हैं क़ैद परिंदे हँसते हैं पर कोई ख़ुशी नहीं है हैं लिए फिरते चश्म में हम ख़ूँ है सुना हमको कमी नहीं है है नहीं चाहते ख़ुद-कुशी करना पर आँखों में अब नमी नहीं है ख़ुशी से झूम उठते हम काशिफ़ लाश अभी तेरी सजी नहीं है
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